बिहार में सियासी हलचल के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का बड़ा बयान सामने आया है. अखिलेश यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार एनडीए में नहीं जाएंगे, वो विपक्ष में रहकर INDIA गठबंधन को मजबूत करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग भटके हुए लोग हैं. कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वो छोटे दलों को साथ लेकर चले.
वहीं, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के अकेले चुनाव लड़ने पर अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस को ममता बनर्जी से बात करनी चाहिए. इजराइल में जहां युद्ध चल रहा है सरकार वहां के लिए भर्ती करा रही है. यहां भारत में नौजवान भूख से मर रहे हैं और वहां जाकर बम से मर जाए. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन सीट का नहीं है, यह जीत का गठबंधन है. जीत ही हमारे बंटवारे का हिस्सा है.
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर भी हमला बोला. यादव ने कहा कि राज्य में जिंदा लोगों को मृत बताकर उनके वोट काटे जा रहे हैं. करीब 20 ऐसे लोग हैं जो जीवित हैं लेकिन उन्हें मृत बताकर वोटर लिस्ट से उनका नाम गायब कर दिया गया है. ये वो लोग हैं जो पहले वोट डाल चुके हैं. ये चुनाव आयोग के मुंह पर तमाचा है. जिस अधिकारी ने ऐसा किया है हम उसको सजा दिलवाएंगे.
दरअसल, अखिलेश यादव शुक्रवार को कन्नौज पहुंचे हुए थे. जहां, उमर्दा क्षेत्र फकीरे पुरवा गांव के कई सारे ग्रामीणों ने चुनाव आयोग हम जिंदा है की तख्ती लेकर उनके पास पहुंच गए और अपना विरोध दर्ज कराया. जिसके बाद अखिलेश यादव ने कहा है कि जिस भी अधिकारी ने ऐसा काम किया है उसके खिलाफ एक्शन होना चाहिए.
शनिवार को इस्तीफा दे सकते हैं नीतीश कुमार
बिहार में एक बार फिर से सियासी घमासान देखने को मिला है. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार शनिवार को इस्तीफा दे सकते हैं. गणतंत्र दिवस के मौके पर राजभवन में हाई टी कार्यक्रम था. जहां, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी पहुंचना था, लेकिन वो नहीं गए. नीतीश कुमार तो पहुंचे थे लेकिन तेजस्वी यादव की कुर्सी खाली ही पड़ी रही.
यूपी में सपा-कांग्रेस के बीच अभी तक नहीं बन पाई है बात
बता दें कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भी विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. हालांकि, लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में अभी तक सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर बातचीत नहीं बन पाई है. ऐसा ही कुछ पश्चिम बंगाल में भी देखने को मिला है. जहां, ममता बनर्जी की टीएमसी और कांग्रेस के बीच सीट को लेकर बात नहीं बन पाई है और लगभग यह तय माना जा रहा है कि तृणमूल अकेले ही मैदान में उतरेगी.